...

15 views

मन की दुविधा



सब कुछ है फिर भी कुछ कम है
अपना कुछ लगता ही नहीं
रोशनी फैलीं जहां में सारे
मन में तम फिर इतना क्यों है।।

कुछ कम है और कुछ पूरा है
आज़ाद ख्याल अधुरा है
स्वतन्त्र भारत होने पर भी
बंदिशों के जाल ने क्यों घेरा है

मन में है तुफान भरा
पर तन से शान्त दिखाना है
अपना कुछ लगता ही नहीं
सब कुछ यहां बेगाना है
आज जो अपने ,कल बेगाने
...