4 views
झर झर बहती हैं गंगा
#विश्व_कविता_दिवस
हिमालय की गोद में चलो जहाँ शिव जपते हैं श्रीराम,
वहाँ झर झर बहती हैं गंगा ऐसा पावन अद्भुत धाम,
शहर बसे ॠषिकेश देख के मन हो जाए प्रफुल्लित,
साफ सफाई में अति सुंदर चित्त शांत रहता है वहाँ,
राम नाम जपते आश्रमों में हजारों साधू संत जहाँ,
प्रकृति छटा सुंदर वन उपवन मन को मोहित करते,
गंगाजल निर्मल पी पीकर वहाँ माया से मुक्ति
पा मरते,
पापनाशिनी गंगा माँ की शरण जिसे भी मिल जाए,
जीवन में कुछ भी प्राप्त करने की इच्छा नहीं रह जाए,
जो माँ गंगा गंगा गाये दु:ख कभी न उसे सताये,
शिव की महिमा पाप मुक्त हो विष्णुलोक जाए,
© प्रकाश
हिमालय की गोद में चलो जहाँ शिव जपते हैं श्रीराम,
वहाँ झर झर बहती हैं गंगा ऐसा पावन अद्भुत धाम,
शहर बसे ॠषिकेश देख के मन हो जाए प्रफुल्लित,
साफ सफाई में अति सुंदर चित्त शांत रहता है वहाँ,
राम नाम जपते आश्रमों में हजारों साधू संत जहाँ,
प्रकृति छटा सुंदर वन उपवन मन को मोहित करते,
गंगाजल निर्मल पी पीकर वहाँ माया से मुक्ति
पा मरते,
पापनाशिनी गंगा माँ की शरण जिसे भी मिल जाए,
जीवन में कुछ भी प्राप्त करने की इच्छा नहीं रह जाए,
जो माँ गंगा गंगा गाये दु:ख कभी न उसे सताये,
शिव की महिमा पाप मुक्त हो विष्णुलोक जाए,
© प्रकाश
Related Stories
17 Likes
5
Comments
17 Likes
5
Comments