मेरी बांहों में कल जो इक रात कसमसाई थी
मेरी बांहों में कल जो इक रात कसमसाई थी
मेरी पलकों ने बताया तू ख़्वाबों में आई थी
धड़कने बांधीं मुश्किल से सांसों की डोर से
महक उठी हवा,तेरी खुशबू कमरे में आई थी
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मेरी पलकों ने बताया तू ख़्वाबों में आई थी
धड़कने बांधीं मुश्किल से सांसों की डोर से
महक उठी हवा,तेरी खुशबू कमरे में आई थी
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