शुरुआत
चलो, शुरू से शुरू करते हैं!
ना आज से ना कल से
ना बीते हुए पल से
हर वक्त तक पहुंचे जो,
अनसुनी सी कोई गुफ़्तगू करते हैं..
चलो, शुरू से शुरू करते हैं..
जहां लफ़्ज शुरू भी ना हुए
ढूंढते हैं किस्से उस छोर से..
जहां बस 'हम' थे, तुम और मैं
झांकते हैं वक्त के उस ओर से..
आख़िरी शख़्स भी शामिल हो जिसमें,
अनकही सी कोई...
ना आज से ना कल से
ना बीते हुए पल से
हर वक्त तक पहुंचे जो,
अनसुनी सी कोई गुफ़्तगू करते हैं..
चलो, शुरू से शुरू करते हैं..
जहां लफ़्ज शुरू भी ना हुए
ढूंढते हैं किस्से उस छोर से..
जहां बस 'हम' थे, तुम और मैं
झांकते हैं वक्त के उस ओर से..
आख़िरी शख़्स भी शामिल हो जिसमें,
अनकही सी कोई...