पिता का साया
तोरे साये को , तोरे प्यार को
तरस गई , भर आई आखीया मोरी
मोरा बचपन जो बिता तोरे अंगना
फिर आज याद आ गया मोहे
औ मोरे बाबा रे
काहे भेज दिया बिदेस रे मोहे
मोरे मन्न की पीर का जाने
मोरे असूअन न दिखे तोहे बाबा रे
काहे भेज दिया बिदेस मोहे
संग तोरे बहूत...