कई बार...
she for me - कई बार तेरा चुप रहना
मुझे कितना कुछ कहता है,
कई बार तेरा यूँ ही मुस्कुरा देना
मुझे कितना सकून देता है,
कई बार मैं भूल जाती हुँ
की मैं क्या हुँ?
फिर तूँ आ जाता हैँ,
कई बार मैं तलाश करती हुँ तुम्हें
तेरी आँखों मैं
कई बार तूँ मुझे खोया सा लगता है,
कई बार सारा दिन तेरे बिन बीत जाता है
की तेरे साथ गुज़रा हर पल मुझे कितना अच्छा लगता है,
कई बार मैं यूँ ही मिट्टी उठा लेती हुँ...
मुझे कितना कुछ कहता है,
कई बार तेरा यूँ ही मुस्कुरा देना
मुझे कितना सकून देता है,
कई बार मैं भूल जाती हुँ
की मैं क्या हुँ?
फिर तूँ आ जाता हैँ,
कई बार मैं तलाश करती हुँ तुम्हें
तेरी आँखों मैं
कई बार तूँ मुझे खोया सा लगता है,
कई बार सारा दिन तेरे बिन बीत जाता है
की तेरे साथ गुज़रा हर पल मुझे कितना अच्छा लगता है,
कई बार मैं यूँ ही मिट्टी उठा लेती हुँ...