...

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ए ज़िंदगी ........✍️
ए ज़िंदगी तेरे दामन में
मेरे हिस्से का अब वो सुकून कहा

वो हर वख्त रहगुज़र करने वाली हंसी
वो मेरा ख्वाबों का छोटा सा घर कहा

वो मासूमियत वो बच्चपने की भूल भी ख़फ़ा है...