मैं और मेरी कलम
मैं और मेरी कलम
कभी एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ते
मैं और मेरी कलम
होशलो को मेरे बुलंद कर देती हैं
मुझे मेरी कलम ।
एक पल भी मुझे खुद से दूर रहने नहीं देती
जो मेहसूस करती हूं
लिखने पे मजबूर हो...
कभी एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ते
मैं और मेरी कलम
होशलो को मेरे बुलंद कर देती हैं
मुझे मेरी कलम ।
एक पल भी मुझे खुद से दूर रहने नहीं देती
जो मेहसूस करती हूं
लिखने पे मजबूर हो...