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राम नाम की माला
राम की भक्ति में जो एक बार,खुद को डुबोता है।
अपने जीवन में वह सदा सुख औऱ चैन पाता है
अपनी खुशी से जो तू राम को अर्पण करता है।
श्रीराम उसे दुगना कर तुझे लौटाता है।
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मैं तो राम नाम की माला फेरूं,राम नाम की माला फेरूं।
राम के ही गुण गाऊँ,श्रीराम के गुण गाऊँ।

तन में राम,मन मे राम,रोम रोम में राम है।
राम की वीणा बज रही,कुछ और क्यों मैं गाऊँ।

तेरे बिना जीवन सुना,जीवन तेरे नाम है।
राम नाम की नाव लेकर,भवसागर तर जाऊं।

तेरी ज्योत में ज्योति मिलाकर,तुझमे ही खो जाऊं।
राम नाम की कृपा पाकर,जीवन धन्य कर जाऊं।

नही आराधन जप तप जानूँ,राम नाम ही जानूँ मैं।
राम नाम को जपते जपते, जीवन मैं बिताऊं।

मैं तो राम नाम की माला फेरूं,राम नाम की माला फेरूं।
संजीव बल्लाल १/४/२०२४© BALLAL S