...

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सैनिक Army
काफी ठोकरों के बाद बड़ी मुश्किल से खुद को सुलाया है मैंने,
दिन भर कड़ी धूप में जल के देश को बचाया है मैंने,
मुझे भी याद आते है घर के मुलायम से बिस्तर और मां के गोद का सुकून,
पर सरहद पर ख़ुद का आराम कुर्बान कर सैनिक का ओहदा पाया है मैंने।

पैर के छाले और शरीर पर ज़ख्म कुछ पायाब है,
कुछ मिले है अभी नए से,
दर्द को अपने भुला के मां की गोद सोच कर खुद को लिटाया है मैंने,
काफी ठोकरों के बाद बड़ी मुश्किल से ख़ुद को सुलाया है मैंने।।
© @priya