इश्क़
पा लो मुझे तुम पार्वती बनकर,
की विरह की आँग में कही मर न जाऊ।
लाख जतन कर लुँगा तुमको पाने के,
की सती का वैरागी शिव मैं बन न जाऊ।
© Dr. Rajat Upadhyay
की विरह की आँग में कही मर न जाऊ।
लाख जतन कर लुँगा तुमको पाने के,
की सती का वैरागी शिव मैं बन न जाऊ।
© Dr. Rajat Upadhyay
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