ढलती हुई शाम
ढलती हुई शाम बादलों के पीछे सुनहरा सूरज अपनी रोशनी समेटकर ढल रहा है
परबत की दीवारों पर दिन भर टकराती हुई शरारती लहरें भी अब फ़िर से समंदर की गहराई में सिमट गई हैं
© Hems
परबत की दीवारों पर दिन भर टकराती हुई शरारती लहरें भी अब फ़िर से समंदर की गहराई में सिमट गई हैं
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