...

7 views

दूर
दूर फिरंगी बन कर घूम रहा कोई,
मन बंजारा कहता है ढूंढ रहा कोई ।

वृक्ष विशाल प्रीत विहार कर रहा कोई,
दिल्लगी ले आवारगी कर रहा कोई ॥

© Kapil Sareen