...

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Night/Raat
रात भीग गई तन्हाई घर कर गई

पलक न लगी जब से तू घर गई

मिलना तेरी निगाहे कातिल का

दश्त ए दिल को आसुओं से भर गई

रात...

वो गुजरना तेरे टेसुओं से हवाओं का

चमन ही चमन कर गई जिधर गई

रात...

मशहूर होना नहीं ज़माने में कोई

देखता हूं इज़्जते ज़माने में उतर गई

रात...

हमारा याराना तो याद ही रहेगा तुम्हे

वो जो थी रश्मियां सी बिखर गई

रात...

इक रोज़ इश्क के सजदे में ऐ दोस्त

कुछ मैं संवारा कुछ तुम संवर गई

रात...
© Mahamegh