Night/Raat
रात भीग गई तन्हाई घर कर गई
पलक न लगी जब से तू घर गई
मिलना तेरी निगाहे कातिल का
दश्त ए दिल को आसुओं से भर गई
रात...
वो गुजरना तेरे टेसुओं से हवाओं का
चमन ही चमन...
पलक न लगी जब से तू घर गई
मिलना तेरी निगाहे कातिल का
दश्त ए दिल को आसुओं से भर गई
रात...
वो गुजरना तेरे टेसुओं से हवाओं का
चमन ही चमन...