वो बिल्कुल मेरे जैसी थी!
क्या लिखता उसके बारे में
वो बिल्कुल मेरे जैसी थी
मैं था शांत ठंडे पानी सा
वो समुंदर जितनी गहरी थी
वो थी बेखौफ लहरों सी
मुझमे डर की बरसातें थी
मैं उतारता था अश्कों को पन्नो पर
वो कहानियाँ आँखों में सजाती थी
मैं था चमकता धूप...
वो बिल्कुल मेरे जैसी थी
मैं था शांत ठंडे पानी सा
वो समुंदर जितनी गहरी थी
वो थी बेखौफ लहरों सी
मुझमे डर की बरसातें थी
मैं उतारता था अश्कों को पन्नो पर
वो कहानियाँ आँखों में सजाती थी
मैं था चमकता धूप...