...

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अधूरे अधूरे ख्वाब
तुम फीकी चाय नहीं
तुम्हारे बिना चाय अधूरी है,

तुम वो प्याली नही जिसे नजरंदाज किया जाए
तुम तो वो चुस्की हो,
जिसके बिना न तो दिन शुरू और न रात खत्म,

चलो मान लिया की तुम्हे उबाला भी बहुत है हमने
लेकिन वो चाय भी क्या जो कड़क न हो,

शक्कर बिन जैसे चाय है अधूरी
तुम्हारे बिन हम भी अधूरे ही तो हैं,

बात बस इतनी सी है की
तुम साथ तो सब सही
बिना तुम्हारे कुछ नही,
© sharma