...

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दिल में छिपी एक आस
एक बहन आज भी दरवाज़े पर अपने भाई का इंतज़ार करती हैं,
कहीं किसी हाथ उसके भाई का पैग़ाम आए,
इसलिए एक टक खिड़की की ओर निगाहें रखती है,
सन् निन्यावे में वादा किया था भाई ने कि इंतज़ार करना मेरा,
तेरे हाथ से अपनी कलाई पर राखी सजवाने जरूर आऊंगा,
पूरा करने बहन से किए वादे को वो वापिस तो जरूर आया,
पर अफसोस उनके साथ जीने नहीं बल्कि तिरंगे में लिपटकर आया,
टूट गया हर ख्वाब उस घर का जो उसके परिवार ने देखा था,
छूट गया वो हाथ जो...