शिक्षकों की सीख
ये मत सोच मैं अकेला हूँ कुछ भी कर सकता नहीं ।
सूरज ने कब कहा मैं तन्हा हूँ प्रकाश दे सकता नहीं।
समय तलवार की ऐसी धार है,
जिस पर नंगे पाँव चलना पड़ता है।
सम्भल कर चले तो तालियाँ , असावधानी में रोना पड़ता है।
बीत गई सो बात गई, वह समय तो, वापिस न आया है, न आएगा।
अब तुम लक्ष्य पर रखना ध्यान,
अब बिगड़ा तो सम्भल न पाएगा।
यदि इस महत्वपूर्ण सीख को,
तुम जीवन में उतार पाओगे।...