हर लफ़्ज़ तेरी नज़र
इसे अफसाना कहूँ
याँ के कहूं इसे
दीवानापन
लोग तो और
भी न जाने इसे
क्या कहते हैं
पर हां मैंने
किया है...
याँ के कहूं इसे
दीवानापन
लोग तो और
भी न जाने इसे
क्या कहते हैं
पर हां मैंने
किया है...