...

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वैराग्य की राह में उसके नयनों के बाण🤔🤔
किसी शांत नदी की तरह चल रहा था जीवन,💧💧💧
वैराग्य की राहों में गुजर रहा था जीवन,☀️☀️
फिर क्यों तुमने अपने नयनों के तरकश से बाण चलाया,👁️👁️
जो आकर मेरी संन्यासी तपस्चर्या से टकराया,🕸️🕸️


उहापोह में फिर मुझे जाने पर बाध्य कर दिया,⛄️⛄️
लग रहा था जो साध्य मन वो पुनः असाध्य कर दिया,🤔🤔
हाँ ये सच है कि मुझे तुम्हारा सम्मोहन छू नहीं पाया,☺️☺️
पर ये भी सच है कि उससे अनछुआ भी नहीं रह पाया🤔🤔🤔

© सौ₹भmathu₹