कलम,स्याही और मैं
अलसाई कलम
सुस्ताई सी स्याही,
मेरी सुनती ना
लिखें बतिया मनचाही।
सपनों का असबाब
रखा नैना अटारी,
उसमें छिपी मिली
पुरानी बात की...
सुस्ताई सी स्याही,
मेरी सुनती ना
लिखें बतिया मनचाही।
सपनों का असबाब
रखा नैना अटारी,
उसमें छिपी मिली
पुरानी बात की...