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~•°. इत्तर सी मेहकी हवाएँ.°•~
मेरे अधूरेपन की चौखट पर उनकी दस्तक सी सुनाई,
शर्मा सा गयी ये इतर् सी मेहकी हवाएँ,
उसके कदमों की आहट मेरे दिल से यु गुफ्तगु सी करगयी,
जैसे शराबी चाँद ने रात से रातभर आशीकी करने की खाव्हिष् रखदी||
© _illusions_
शर्मा सा गयी ये इतर् सी मेहकी हवाएँ,
उसके कदमों की आहट मेरे दिल से यु गुफ्तगु सी करगयी,
जैसे शराबी चाँद ने रात से रातभर आशीकी करने की खाव्हिष् रखदी||
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