जख्म दिल के
कुछ भूले तो कुछ याद कर रोएं उम्र तमाम,
कुछ इस तरह कर दिया जीवन मैंने हराम,
दर्द अपनो के किसी से कह भी नहीं पाएं,
"ज़ख्म दिल के"गहरे कभी मेरे भर नहीं पाएं।
हँसी के लिए जिसकी भूल गए हम खुदको,...
कुछ इस तरह कर दिया जीवन मैंने हराम,
दर्द अपनो के किसी से कह भी नहीं पाएं,
"ज़ख्म दिल के"गहरे कभी मेरे भर नहीं पाएं।
हँसी के लिए जिसकी भूल गए हम खुदको,...