...

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सफर- ए- यारी
तुमसे मिलने के बाद ,
न भूख लगती न प्यास।

जिंदगी शमशान थी मेरी,
तुमसे बनी ये खाश।

यू तो चेहरे बड़े खूब है नजरों में,
और फेले है दिलों के तार।

पर मेरे इस बुद्धू से दिल में,
बस्ते है बस जिगरी यार ।

कभी गलती से आते है ख्याल हसीनों के,
लड़ने को रहते है हर घड़ी तैयार ,
ये ही तो है हमारी दोस्ती के जज़्बात।

अब तो आदत हो गई है तुम्हारी कमीनों,
लगाए रखने का मन करता है।
पार्टी तो बोहोत छोटी चीज है 😉,
जहन्नुम मैं भी साथ जाने का मन करता है।😃😎
शादी मै तो धूम मचानी है खूब🥳🥳
तुम्हारी तो सालो मय्यत पर भी नोट उड़ाने का मन करता है 😂😂😂

एक जन्म तो कम पड जायेगा हमे😃
हर जन्म मैं तुम्हे पाने का मन करता है 🤲👍🏻


हनीफ ✍️✍️✍️__.......



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