सफर- ए- यारी
तुमसे मिलने के बाद ,
न भूख लगती न प्यास।
जिंदगी शमशान थी मेरी,
तुमसे बनी ये खाश।
यू तो चेहरे बड़े खूब है नजरों में,
और फेले है दिलों के तार।
पर मेरे इस बुद्धू से दिल में,
बस्ते है बस जिगरी यार ।
कभी गलती से आते है ख्याल हसीनों के,
लड़ने को रहते है हर...
न भूख लगती न प्यास।
जिंदगी शमशान थी मेरी,
तुमसे बनी ये खाश।
यू तो चेहरे बड़े खूब है नजरों में,
और फेले है दिलों के तार।
पर मेरे इस बुद्धू से दिल में,
बस्ते है बस जिगरी यार ।
कभी गलती से आते है ख्याल हसीनों के,
लड़ने को रहते है हर...