माँ........
माँ तू है त्याग और बलिदान की मूर्ति,
हमेशा मेरे हर एक जरूरत को है पूरी करती,
जब भी उदास या परेशान होता हूँ,
तेरे पास दौड़ा चला आता हूँ,
बिना कुछ सोचें समझें अपनी मन की...
हमेशा मेरे हर एक जरूरत को है पूरी करती,
जब भी उदास या परेशान होता हूँ,
तेरे पास दौड़ा चला आता हूँ,
बिना कुछ सोचें समझें अपनी मन की...