बढ़ते कदम
लालटेन लेकर निकला
खोजन खामियां औरों की
जब लालटेन खुद पर पड़ी तो
खामियां भी अच्छी लगने लगी
औरों की खामियां तो दूसरे के अस्तित्व का होना भी सबसे बड़ी गलती लगी
जब बारी खुद की आई तो
सोची समझी...
खोजन खामियां औरों की
जब लालटेन खुद पर पड़ी तो
खामियां भी अच्छी लगने लगी
औरों की खामियां तो दूसरे के अस्तित्व का होना भी सबसे बड़ी गलती लगी
जब बारी खुद की आई तो
सोची समझी...