सावन...
टिप- टिप करके आया सावन,
संघ अपने खुशियां लाया सावन,
गड़ -गड़ कर बादल बरसे,
झूम-झूम कर मोर ठीरके,
देखो आया सावन सबको बहुत भाया सावन।
मिली है राहत पेड़ों को,
सूरज की तेज किरणो से,
शीतल हुई ये धरती,
ठंडी-ठंडी बारिश की बूंद से।
चम-चम कर बिजली चमके,
अंधेरी काली रात में,
ठंडा हुआ यह मौसम,
सावन के माह में।
धूल गई है धरती,
साफ हुआ अंबर,
बारिश के मौसम में,
पावन हुआ वातावरण।
छम-छम करके बच्चे नाचे,
देखो कैसे ठाठ मे,
आ गया सावन फिर अपने अंदाज में।
पाप-पुण्य के मोह से,
साफ हुआ मन,
शिवजी के मंदिर में,
अर्पित सारे भक्त-गण।
© poemfeast
#writcopoem #Hindi #poem #rain #rainyseason #writer #positivevibes
संघ अपने खुशियां लाया सावन,
गड़ -गड़ कर बादल बरसे,
झूम-झूम कर मोर ठीरके,
देखो आया सावन सबको बहुत भाया सावन।
मिली है राहत पेड़ों को,
सूरज की तेज किरणो से,
शीतल हुई ये धरती,
ठंडी-ठंडी बारिश की बूंद से।
चम-चम कर बिजली चमके,
अंधेरी काली रात में,
ठंडा हुआ यह मौसम,
सावन के माह में।
धूल गई है धरती,
साफ हुआ अंबर,
बारिश के मौसम में,
पावन हुआ वातावरण।
छम-छम करके बच्चे नाचे,
देखो कैसे ठाठ मे,
आ गया सावन फिर अपने अंदाज में।
पाप-पुण्य के मोह से,
साफ हुआ मन,
शिवजी के मंदिर में,
अर्पित सारे भक्त-गण।
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