तुमने वादा किया था।
तुमने वादा किया था...
खद से निरंतर आगे बढ़ने का ध्येय पथ पर
फिर क्यों रुकने लगे तुम सिर्फ दो कदम चलकर।
क्या सोचा था तुमने ये पथ इतना आसान होगा
तुम सिर्फ सोचोगे और कदमों के नीचे आसमान होगा।
नहीं... इतना आसान नहीं बंधु मंज़िल को पाना
उदासी घेरेगी तुम्हें होगा मुश्किलों से टकराना।
कई प्रयास तेरे यूँ ही व्यर्थ जाएंगे
सिर के ऊपर दुविधाओं के बादल छाएंगे।
पर तुमने वादा किया था खुद में जुनून भरकर
दिखलाओगे इक दिन अपने प्रण को पूरा कर।
उठो जागो रख हिम्मत तुम करो कर्म
व्यर्थ न जाने देना अपना ये परिश्रम।
न डगमगाने दो अपने कदमों को हर बार
करो उजाला मन मेंअपने दूर करो अंधकार।
जगाओ आत्मविश्वास तुम फिर से
याद करो वो वादा जो किया था तुमने अपनी मंज़िल से।
© shalini ✍️
खद से निरंतर आगे बढ़ने का ध्येय पथ पर
फिर क्यों रुकने लगे तुम सिर्फ दो कदम चलकर।
क्या सोचा था तुमने ये पथ इतना आसान होगा
तुम सिर्फ सोचोगे और कदमों के नीचे आसमान होगा।
नहीं... इतना आसान नहीं बंधु मंज़िल को पाना
उदासी घेरेगी तुम्हें होगा मुश्किलों से टकराना।
कई प्रयास तेरे यूँ ही व्यर्थ जाएंगे
सिर के ऊपर दुविधाओं के बादल छाएंगे।
पर तुमने वादा किया था खुद में जुनून भरकर
दिखलाओगे इक दिन अपने प्रण को पूरा कर।
उठो जागो रख हिम्मत तुम करो कर्म
व्यर्थ न जाने देना अपना ये परिश्रम।
न डगमगाने दो अपने कदमों को हर बार
करो उजाला मन मेंअपने दूर करो अंधकार।
जगाओ आत्मविश्वास तुम फिर से
याद करो वो वादा जो किया था तुमने अपनी मंज़िल से।
© shalini ✍️