माधव
बाल गोपाल तू मेरे घर का "माधव"
तुझ से ही घर में उजाला है "लाला"
तेरे होने से घर में होती है रौनक "
तू मेरे अंखियों का तारा है"लाला"
उगते हुए सूरज के समान तेरे मुख ,
पे उजाला हैं।
सिंदूरी सांझ की लालिमा ने
जिसे और निखारा है।।
पवन से भी तेज चलने वाला
चंचल मन जो तुमने पाया है।
तेरी...
तुझ से ही घर में उजाला है "लाला"
तेरे होने से घर में होती है रौनक "
तू मेरे अंखियों का तारा है"लाला"
उगते हुए सूरज के समान तेरे मुख ,
पे उजाला हैं।
सिंदूरी सांझ की लालिमा ने
जिसे और निखारा है।।
पवन से भी तेज चलने वाला
चंचल मन जो तुमने पाया है।
तेरी...