प्रेम की परिभाषा
रेत की तरह तुम भी
नहीं समा सकते मेरी मुट्ठी में
मेरे हाथों में तुम्हारे नाम की लकीर ही
नहीं बनाई भगवान ने।
इसलिए मैंने चुनी स्वतन्त्रता...
नहीं समा सकते मेरी मुट्ठी में
मेरे हाथों में तुम्हारे नाम की लकीर ही
नहीं बनाई भगवान ने।
इसलिए मैंने चुनी स्वतन्त्रता...