पवित्र कौन?
पवित्र कौन?
लाज का ऑंचल किया तार तार
पवित्रता का करते फिरते प्रचार
मूक बधिर इंसानियत रही मौन
प्रश्न हैं ये कि- पवित्र कौन?
तड़फता उदर निगलता निवाले की कोर
हलक तक उतरने से पहले कहते चोर
दानदाता अन्न का बन जाता गौण
प्रश्न हैं ये कि- दानी कौन?
बोया नहीं जाता इंसानियत का बीज...
लाज का ऑंचल किया तार तार
पवित्रता का करते फिरते प्रचार
मूक बधिर इंसानियत रही मौन
प्रश्न हैं ये कि- पवित्र कौन?
तड़फता उदर निगलता निवाले की कोर
हलक तक उतरने से पहले कहते चोर
दानदाता अन्न का बन जाता गौण
प्रश्न हैं ये कि- दानी कौन?
बोया नहीं जाता इंसानियत का बीज...