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सही मोल
जब हम किसी कार्य की सफलता के लिए मेहनत करते हैं और लगातार निराशा मिलने पर मनोबल टूटता हुआ नजर आता है तब खुद को मोटिवेट करो क्योंकि खुद से अच्छा और कोई नहीं जो आप को मोटिवेट कर सके या फिर घड़ी की तरफ देखें वह खुद में मोटिवेट का भंडार समाए हुए हैं।
जीवन में विफलता के बाद भी जब निराशा होने लगे तो उस निराशा को फिर से बंद घड़ी में नयी बैटरी की तरफ फिर से चलाने जैसा प्रयोग करें अपना मोल समझे ।
उदाहरण स्वरूप:~
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एक पुरानी घड़ी जिसे हम किसी कबाड़ी के पास दिखाते हैं तो वह उसकी कीमत 50रुपये बताएगा, अगर घड़ी की दुकान पर दिखाओगे तो 500रुपये बताएगा और अगर किसी म्यूजियम में दिखाओगे तो 5 करोड़ बताते हुए एंटीक पीस बताएगा। ठीक उसी प्रकार प्रत्येक इंसान खुद में विलक्षण एंटीक पीस है। खुद को गलत जगह पर अपनी कीमत लगाओगे तो हमेशा निराशा ही मिलेगी सही जगह पर तुम्हारी सही कीमत मिलेगी चाहे वह नौकरी हो,जिंदगी हो या प्यार।

#RhythmsOfTime
© SunitaShaw