...

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मैं तो 'चन्दन' हूँ, हवाओं में बिखर जाऊँगा... 💔💔💔
तुझसे मैं दूर बहुत दूर चला जाऊँगा,
देखना चाहोगे तुम, मैं ना नजर आऊँगा,
ढूँढोगे तुम मुझे हर शहर की गलियों में,
याद रखना मैं लौट कर ना कभी आऊँगा ||

तुम्हारी मर्ज़ी मुझे चाहो या ना चाहो तुम,
ख़ाक हो जाऊँगा मैं फ़िर भी तुम्हें चाहूँगा,
भूलने के लिए जब याद तुम करोगे मुझे,
तुम्हारी यादों में आकर तुम्हें हँसाऊँगा ||

तुम्हारी हर मुराद पूरी करके दुनिया से,
टूटा तारा हूँ आसमान में खो जाऊँगा,
टूटना फ़ितरत है हर चीज़ की ज़माने में,
मैं तो "चन्दन" हूँ हवाओं में बिखर जाऊँगा ||

© 💞चन्दन नाविक 'विनम्र'💞