जरा सी बूंदे गिरी मेरे जिस्म पर तेरे प्यार की
जरा सी बूंदे गिरी मेरे जिस्म पर तेरे प्यार की
दिल की बगिया मैं तेरे आने से बहार आ गई
झूम उठा रूह का कतरा कतरा तेरी मस्ती से
सांसों की गलियों में तेरे आने से नसार आ गई
आंखो की तलाश तेरे दीदार से सबर हो...
दिल की बगिया मैं तेरे आने से बहार आ गई
झूम उठा रूह का कतरा कतरा तेरी मस्ती से
सांसों की गलियों में तेरे आने से नसार आ गई
आंखो की तलाश तेरे दीदार से सबर हो...