...

5 views

बारिश (मेरा सुकून)
किसी ने हमसे पूछा कि क्या है इन बारिशों में
जिनके आते ही तुम झूमने लगती हो
और आखिर कहाँ चला जाता है तुम्हारा दिल
जो तुम चारों ओर ढूंढने लगती हो

हम मुस्कुराए और कहा क्या नहीं है

ये बारिश हर साल याद से मेरे पास आती है
बिना पूछे मुझे भिगाकर अपना हक जताती है
आने से पहले धीमी मंद हवा से संदेश भी भिजवाती है
वो हवा मेरे पास आकर हमें बाहें खोल कर अपनाती है
आते ही एक लंबी गहरी सांस लेने को कहती है
और गुजर जाती है पल भर में ही पर फिर भी मेरे साथ ही वो रहती है
गुजरते वक्त वो राहगीरों का दुख मुझे सुनाती है
और इतने में ही भावविभोर होकर बादलों की टोली आँसू बहाती है
1, 2, 3 धीरे-धीरे उनका मन भी हल्का हो रहा है
उन्हीं बादलों के ऊपर सूर्य आँखें मूँद कर सो रहा है
उसे कोई खबर नहीं, काले घने बादलों से ढका हुआ है वो
पूरी धरती को रोशनी से भर लेता है पर आज थोड़ा थका हुआ है वो
उसकी इसी थकान से आज दूसरों को भी मौका मिल गया अपना करतब दिखाने का
बूँद खुद गिरकर दूसरों (पेड़ और पौधे) में प्राण भरती है क्या तरीका है इंसानियत सिखाने का


© breeze_of_feb

@writco
#WritcoQuote #writco #sad #Love&love #Love&love💞 #poem #poetrycommunity #Heart #rain