...

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Tum or hum hain
तुम ओर हम हैं नदी के किनारे |
बैठे हुए हैं यादें है प्यारे ||
ये मन हमारा आवारा बादल |
भटक रहा है किनारे किनारे || (१)
नदी की लहर है कितने चंचल |
छम छम बजती तुम्हारी पायल ||
जुलफ़े तुम्हारी बिखर गयी हैं |
ठंडी हवा से भरी है आँचल ||
जब भी हमसे मिलने का मन हो |
आजाना तुम नदी के किनारे ||
ये मन हमारा आवारा बादल |
भटक रहा है किनारे किनारे || (२)
रेत से मैंने घर जो बनाएं |
एक लहर से सब टूट जाए ||
रात भर जब नींद न आए |
बेचैनी ये दील हो जाए ||
तुम्हारी नयन जब नम हो जाए |
आजाना तुम नदी के किनारे ||
ये मन हमारा आवारा बादल |
भटक रहा है किनारे किनारे || (३)

© akash the poet