...

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Poems
तू बेशरम मुझे वो बनाने पे तुला है,
जिसे मेरी मां अपना शत्रु समझ रही है।

और देख शर्म–ओ–हया तहज़ीब ये मेरी,
फ़रमान को तेरी मैं भी टाल ना सका।

(तू = भगवान)

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तुम लहू...