खता
हमने तो आपके ख़्वाबों पे फूल सजाएं
फिर खता क्या है़ हमारी, जो आप रूठ बैठे
ज़रा याद कीजिए वो बीते हुए हसीन लम्हें
चाहत की महफ़िल में फूल सजाएं थे हमने
साथ रहने का, चाहे बरसे फूल या लगे काटें
फिर खता क्या है़ हमारी, जो आप रूठ बैठे
आपकी हर तमन्ना थी आरज़ू मेरे दिल की
होंटों पे आपकी सजा करती थी खुशबू हमारी
बाहों में एक दूसरे के हम कितने प्यार बाटें
फिर खता क्या है़ हमारी, जो आप रूठ बैठे
© Krishnan
#Shayari #Mohabbat
फिर खता क्या है़ हमारी, जो आप रूठ बैठे
ज़रा याद कीजिए वो बीते हुए हसीन लम्हें
चाहत की महफ़िल में फूल सजाएं थे हमने
साथ रहने का, चाहे बरसे फूल या लगे काटें
फिर खता क्या है़ हमारी, जो आप रूठ बैठे
आपकी हर तमन्ना थी आरज़ू मेरे दिल की
होंटों पे आपकी सजा करती थी खुशबू हमारी
बाहों में एक दूसरे के हम कितने प्यार बाटें
फिर खता क्या है़ हमारी, जो आप रूठ बैठे
© Krishnan
#Shayari #Mohabbat
Related Stories