बात...
बात सिर्फ जिस्म कि नही होती मेरी जान,
रुह तक जाना होता है.
तुम खो ना दो सुकून के वो पल
किसी को इस हद तक पाना होता है.
सासो मे घुलकर सासे जो मेहकती है मोहब्बत,
क्या कहे ऊस नशे मे डूब जाणा होता...
रुह तक जाना होता है.
तुम खो ना दो सुकून के वो पल
किसी को इस हद तक पाना होता है.
सासो मे घुलकर सासे जो मेहकती है मोहब्बत,
क्या कहे ऊस नशे मे डूब जाणा होता...