मेरी धरोहर..
हर औरत जानती है, उसकी धरोहर,
संवेदना में रची-बसी, प्रेम की उमर।
संघर्षों की गाथा, धैर्य की मिसाल,
वो खुद में समेटे, अनगिनत सवाल।हर औरत जानती है, उसका वजूद,
आँसुओं में छिपा, हंसी का सुरूर।
बचपन से बुनी, सपनों की चादर,
हाथों की लकीरों में, जिंदगी का अदर।हर औरत...
संवेदना में रची-बसी, प्रेम की उमर।
संघर्षों की गाथा, धैर्य की मिसाल,
वो खुद में समेटे, अनगिनत सवाल।हर औरत जानती है, उसका वजूद,
आँसुओं में छिपा, हंसी का सुरूर।
बचपन से बुनी, सपनों की चादर,
हाथों की लकीरों में, जिंदगी का अदर।हर औरत...