...

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HOPE
धूप खिड़की से झांके, उम्मीद जगे तभी,
हवाओं में गुनगुनाए, नया गीत कभी।
पंछी के पंखों में, सपने लहराएंगे,
हर पत्ते पर इंद्रधनुषी रंग छिटकाएंगे।

बीज सूखे में भी, नमी का पता पाता है,
जीवन का दरिया, अंधेरे से उबरा आता है।
टूटी शाखा में भी, नव कोपल आती है,
हर आह के बाद, मुस्कान खिलती है।

आँधी तूफानों में, दीप टिमटिम ना भाएगा,
हौसलों का ज्वार, लहरों को रोक लाएगा।
हर मुश्किल पहाड़ पर, कदम रखकर चढ़ेंगे,
रास्ते खुद बनाएंगे, मंजिल पाएंगे।

चिड़ियों के चहचाहट में, भविष्य सुनाई देगा,
नदी के बहते पानी में, नया गीत गूंजेगा।
उम्मीद की खुशबू, हर सांस में महकेगी,
जीवन की कविता, हर पल नई कहानी लिखेगी।

तो उठो साथ मिलकर, उम्मीद का दीप जलाएं,
हर रात के बाद, सवेरा लाएं।
क्योंकि उम्मीद ही है, जो रास्ता दिखाएगी,
हर दुख के बाद, खुशियाँ लाएगी।


© juriti 🌸