HOPE
धूप खिड़की से झांके, उम्मीद जगे तभी,
हवाओं में गुनगुनाए, नया गीत कभी।
पंछी के पंखों में, सपने लहराएंगे,
हर पत्ते पर इंद्रधनुषी रंग छिटकाएंगे।
बीज सूखे में भी, नमी का पता पाता है,
जीवन का दरिया, अंधेरे से उबरा आता है।
टूटी शाखा में भी, नव कोपल आती है,
हर आह के बाद, मुस्कान खिलती है।
आँधी...
हवाओं में गुनगुनाए, नया गीत कभी।
पंछी के पंखों में, सपने लहराएंगे,
हर पत्ते पर इंद्रधनुषी रंग छिटकाएंगे।
बीज सूखे में भी, नमी का पता पाता है,
जीवन का दरिया, अंधेरे से उबरा आता है।
टूटी शाखा में भी, नव कोपल आती है,
हर आह के बाद, मुस्कान खिलती है।
आँधी...