जीवन
अजीब सा उलछाव है जीवन,
कभी धूप तो कभी छांव है जीवन,
इसे समझ पाना, नहीं बस में हरेक के,
एक अनकहा अहसास है जीवन ।
दिन के उजाले में, रात के तिमिर में,
पतझड़ के मौसम में, बरखा के जल में,
अजीब-सा अद्भुत भटकाव है जीवन ।
...............
..................... शेष है...
©Mridula Rajpurohit ✍️
🗓️ 17 May, 2021
© All Rights Reserved
कभी धूप तो कभी छांव है जीवन,
इसे समझ पाना, नहीं बस में हरेक के,
एक अनकहा अहसास है जीवन ।
दिन के उजाले में, रात के तिमिर में,
पतझड़ के मौसम में, बरखा के जल में,
अजीब-सा अद्भुत भटकाव है जीवन ।
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..................... शेष है...
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