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बेटी
घर आंगण में फुल बनकर महकती है बेटी,
हर घर में ख़ुशी कि लहर लाती है बेटी
जो माँ बाप का सम्मान बढाती है बेटी
हर घर को मंदिर बनाती है बेटी,
परिवार में ख़ुशी कि लहर लाती है बेटी
भाग्य से जन्म लेता है बेटा, तो सौ (100)भाग्य से ही मिलती है बेटी
बेटा है अगर घर का चिराग तो,
उसकी रोशनी होती है बेटी
हर घर के खुशहाली का प्रतिक होती है बेटी
परिवार का नाम चलाता है बेटा तो,
दो परिवारो को आगे बढाती है बेटी
माता पिता का अभिमान भी तो होती है बेटी
© Prachi
NOTE-
This poem is not mine. It's made by mom on my birthday... I'm so so happy for this...
हर घर में ख़ुशी कि लहर लाती है बेटी
जो माँ बाप का सम्मान बढाती है बेटी
हर घर को मंदिर बनाती है बेटी,
परिवार में ख़ुशी कि लहर लाती है बेटी
भाग्य से जन्म लेता है बेटा, तो सौ (100)भाग्य से ही मिलती है बेटी
बेटा है अगर घर का चिराग तो,
उसकी रोशनी होती है बेटी
हर घर के खुशहाली का प्रतिक होती है बेटी
परिवार का नाम चलाता है बेटा तो,
दो परिवारो को आगे बढाती है बेटी
माता पिता का अभिमान भी तो होती है बेटी
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This poem is not mine. It's made by mom on my birthday... I'm so so happy for this...
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