मंज़िल की सीढ़ियाँ
सीढ़ियाँ मंजिल की मेरी तुम से हैं।
मेरे हर रास्तों की रौशनी तुम से हैं।
बिन तेरे मंजिल को न मैं पाऊंगा।
मैं रास्तों से अपने भटक जाऊंगा।
थाम लो तुम हाथ मेरा अब सनम।
छोड़ना न इसको है मेरी कसम।
वरना ये मंजिल नही मिल पायेगी।
और मेरी जान ये चल जायेगी।
साथ देने का इरादा कर लो तुम।
अपने दिल मे मेरी बातें भर लो तुम।
जिन्दगी की हर खुशी तुम से हैं।
सीढ़ियाँ मंजिल की मेरी तुमसे है।
© Ank's
मेरे हर रास्तों की रौशनी तुम से हैं।
बिन तेरे मंजिल को न मैं पाऊंगा।
मैं रास्तों से अपने भटक जाऊंगा।
थाम लो तुम हाथ मेरा अब सनम।
छोड़ना न इसको है मेरी कसम।
वरना ये मंजिल नही मिल पायेगी।
और मेरी जान ये चल जायेगी।
साथ देने का इरादा कर लो तुम।
अपने दिल मे मेरी बातें भर लो तुम।
जिन्दगी की हर खुशी तुम से हैं।
सीढ़ियाँ मंजिल की मेरी तुमसे है।
© Ank's