...

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तजुर्बा
जो कहते हैं अक्सर हमसे की....
तुम्हारे बिन जिया जाए ना
दूर होने पर उनकी ही आँखों से
एक आंसू तक ना बहता है
खुद के साथी होते हैं हम खुद
तजुर्बा तो हमारा यही कहता है,,,!!

रहते हैं यह जो आसपास मतलबी से लोग....
जरूरत पड़ने पर यह सब
एक ही झटके में गायब हो जाते हैं
चाहें जितना भी तुम इन्हे गले लगा लो
करने वाले पीठ पर वार कर ही जातें हैं,,,,!!

देते है हमे...