सफर ये कायनात
हम तोह ठेह रे मुसाफीर, सफर ये जिंदगी.
हर रोज निकल लेते हैं, तय करने कुछ पलं मंजिल ये जिंदगी.
हर एक मोड पर, कुछ राज अपने, बया कर हीं जाती हैं जिंदगी,कभी मुस्कुराती हैं कभी फुटफुट कर रो देती हैं.
ये खुला आसमा, ये मिट्टी,ये घने जंगल, ये...
हर रोज निकल लेते हैं, तय करने कुछ पलं मंजिल ये जिंदगी.
हर एक मोड पर, कुछ राज अपने, बया कर हीं जाती हैं जिंदगी,कभी मुस्कुराती हैं कभी फुटफुट कर रो देती हैं.
ये खुला आसमा, ये मिट्टी,ये घने जंगल, ये...