...

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गजल


मैने गम भी लिखा ,और लिखा प्रेम भी।
तुमको सावन लिखा,मै घटाएं वही।

दूर होके जो तुम रहना चाहो प्रिय ।
दूरियो की विधाएं निभाने लगी ।
तुमसे होके विमुख, मैं हर एक मोड़ पे।
रास्तों में भी नजरे , छुपाने लगी ।
तुम को...