पहली मुलाक़ात
मिलूं जब मैं तुमसे कभी बस इतनी सी इजाज़त दे देना,
एक शाम मुहब्बत की तुम मेरे नाम कर देना,
मैं शायद नहीं देख पाऊंगा तुम्हारी आंखों में,
तुम हल्की सी मुस्कुराकर मेरी आंखो में झांक लेना।
मैं शायद चुप हो...
एक शाम मुहब्बत की तुम मेरे नाम कर देना,
मैं शायद नहीं देख पाऊंगा तुम्हारी आंखों में,
तुम हल्की सी मुस्कुराकर मेरी आंखो में झांक लेना।
मैं शायद चुप हो...