...

4 views

Kalki aur kali पुरूष
आज कल के लोग प्यार भी चालाकीयों से करते है किसी के साथ जीते और किसे पे मरा
करते है।
जहा प्यार हो वहां स्वार्थ कैसा।
भावनाओ के बगैर शब्दों का भावार्थ कैसा ।
जो पल में खुदगर्ज में हो जाए वो हमारा पार्थ कैसा।
देखो आजकल प्यार का सौदा होने लगा है।
किसको देना कितना देना प्यार का ओहदा होने लगा है।
औरों की बात ही क्या करे मेरे करीबियों ने मुझसे प्यार का परपंच करके मुझको ठगा है।
आज के जमाने में मां 🙏🙏🙏🙏ही निस्वार्थ प्रेम करती है उन्हे छोड़कर ना जाने क्यों ये दुनिया निस्वार्थ प्रेम करने से डरती है।
फिर से बोल रहा हो जरा बच के रहना यह प्यार का सौदा होने लगा है जज्बातों को नहीं
मूर्तियों को पूजा जाने लगा।
आज कल इस दुनिया के हाव भाव इतनी तेजी
से रहा है बदल की इसे देख समय भी आश्चर्य है इनके हाव भाव को बदलते देख ।
समय खुद को मान बैठा निस्कीर्य है।
देखो इस कलयुग में हर...