...

13 views

भली सोच भले कर्म
परमेंश्वर की रचनाओं का जवाब नहीं है
क्या क्या रचा, कैसे रचा, हिसाब नहीं है

ब्रह्मांड की उत्पत्ति प्रकृति जलवायुअग्नि
जीवन के अद्भुत रहस्यों से परिपूर्ण सृष्टि

वनस्पति खनिज संपदा ऊर्जा पर्वत वन
हीरे जवाहरात सोना चांदी खनिज संसाधन

जल थल जंगल ताल झरने नदियां सागर
सृष्टि रचयिता की लीला सब ओर उजागर

पतझड़ सावन बसंत ग्रीष्म शीत सी ऋतुएं
सर्वश्रेष्ठ रचना इंसान व जरूरत की वस्तुएं

ज्ञान विज्ञान कला संस्कृति समस्या निवारण
योग साधना उपासना भक्ति ध्यान के कारण

पाप पुण्य दया क्षमा दान स्वार्थ और परमार्थ
सुख दुख भोग विलास पुनर्जन्म मुक्ति के अर्थ

आंख नाक मुंह हाथ पांव कान सब यथा स्थान
उसकी चित्रकारी में कुछ भी कहीं बेवजह नहीं

जहां नजर उठाओ परमात्मा की कृपा दृष्टि है
कितनी अदभुत अपार रहमत भरी ये सृष्टि है

हमें हर पल इस बात का एहसास होना चाहिए
भली सोच भले कर्म पर विश्वास होना चाहिए


© PJ Singh